रविवार, 3 नवंबर 2019

नाभी र्दशना साडी बाधने की कला

   नाभी र्दशना साडी बाधने की कला 
फैशन क्‍या है , समय के साथ कुछ न कुछ परिवर्तन होता रहता है आज जब हम सभी उपगृह संस्‍कृति से जुड चुके है दुनिया भर के नये नये फैशन व संस्‍कृतियों की जानकारीयॉ हमे घर बैठे मिल जाती है । बदलते नये नये फैशन की जानकारीयों से हम भी अछूते नही है । भीड में अपने आप को दूसरे से अलग पहचान बनाने के नये नये फैशन इजाद होते रहे है । सुन्‍दरता दो प्रकार की होती है एक प्रदत्‍त तो दूसरा अर्जित ।
   1-प्रदत्‍त सौन्‍र्द्धय :-  प्रदत्‍त सौन्‍र्द्धय वह है जो हमे ईश्‍वर से प्राप्‍त होता है ।
   2-अर्जित सौन्‍र्द्धय :- अर्जित सौन्‍र्द्धय वह है जो हम अपने प्रयासों से प्राप्‍त करते है ।     दुनिया में सभी महिलाये या पुरूष सौन्‍र्द्धर्य नही होते । परन्‍तु कुछ लोग कम सुन्‍दर होते हुऐ भी अपनी सुन्‍दरता को इस प्रकार बना लेते है कि देखने वाले की नजर उसके सौन्‍द्धर्य से नही हटती । सुन्‍दरता या आकृषण भी दो प्रकार का होता है एक ऐसा आक्रषण जिसमें उसके शरीर की बनावट उसे आक्रषकता प्रदान करती है । तो दुसरा आकृषण खॉसकर युवाओं महिलाओं में उसके कामनीय अंगों के उतार चढाव होते है जो देखने वालों को अपनी ओर आक्रषित करते है । युवा महिलाओं में उन्‍नत उरोज (उभरे हुऐ स्‍तन) पुष्‍ट नितम्‍ब (भरे हुऐ कूल्‍हे) समतल मुलायम झील से पेट पर गहरी नाभी ,लम्‍बे घन केश अर्थात बाल सौन्‍द्धर्य की ये मान्‍यताये सदियों से रही है । वक्‍त के साथ सौन्द्धर्य मान्‍यताओं में कुछ न कुछ परिवर्तन होता रहा है ।
                      भारतीय साडी
भारतीय साडी –:- कहते है साडी में कुछ तो बात है जो युवा महिलाओं के शारीरिक उतार चढाओं को बडी ही सुन्‍दरता के साथ इस प्रकार से प्रर्दशित करती कि देखने वालों की नजरे फटी की फटी रह जाती है । परन्‍तु यही बिना सिला परिधान यदि बिना जानकारी के पहना जाये तो उसके सौन्‍द्धर्य को खराब कर देता है परन्‍तु थोडी सी जानकारी के साथ इसे पहना जाये तो यह कम से कम सुन्‍दर नारी को भी इतना आकृषक व कामनीय बना देता है कि देखने वालों की नजर उस पर से हटती ही नही है । इस बिना सिली हुई साडी को पहनने की कुछ जानकारीयॉ जो फैशन विशेषज्ञों ने दी है वह इस प्रकार है ।
1-     साडी को नाभी से नीचे पहना चाहिये इसके कई फायदे है जैसे यदि आप साडी को नाभी से उपर पहनते है तो साडी की प्‍लेट को पेट के अन्‍दर दबाते या खोसते है तो इससे आप के पेट का वह हिस्‍सा पहले से अधिक ऊभरा हुआ दिखता है । इसके साथ ही कमर व पेट का अधिकाश भाग छिप जाता है साथ युवा महिलाओं के आकृषक का वह कामनीय अंग जिसे हम नाभी कहते है छिप जाती है चूंकि नाभी युवा महिलाओं का एक सैक्‍सी भाग है जिसे देखकर आप के शरीर की अन्‍य अंगों की सुन्‍दरता और बढ जाती है । कमर के उतार चढाव, समतल पेट पर गहरी नाभी ये आक्रष्‍ण  व सौन्‍द्धर्य के केन्‍द्र है अत: साडी पहनते समय इस बात का विशेष ध्‍यान रखना चाहिये । साथ ही कोशिश यह करे की आप के पल्‍लू से आप की नाभी दिखती रहे ,साथ ही साडी को कमर पर पीछे पीठ की तरफ इस तरह से खोसे ताकि पीठ का अधिकाश भाग दिखता रहे । टी बी पर एक सीरियल नामकरण आता है उसकी एक्‍टर आदिति राठौर जिसका नाम सीरियल में अवनी है उसने इस सीरियल में साडी पीठ पर से इस प्रकार बॉधी है कि उसकी गोरी पीठ इतनी आकृषक दिखती है कि उस पर से नजर हटाने की र्दशक हिम्‍मत ही नही कर सकते । जहॉ पेट व गहरी नाभी आक्रष्‍ण का केन्‍द्र है वही समतल पतली कमर पर पीठ का हिस्‍सा भी कम आक्रषक नही होता इसे देख कर नजरे नही हटती ।
2-     साडी को पहनते समय इस बात का भी ख्‍याल रखे की आप के स्‍त्री सुलभ अंगों के उतार चढाव साडी बॉधने पर उसका अहसास कराये ना कि उस उतार चढावों को छिपा दे जैसे आप के नितम्‍ब प्रदेश अर्थात भरे हुऐ कूल्‍के के उतार चढावों को ऊभरे न कि उसे छिपाये कई महिलाये पुढढे पर से साडी को इस प्रकार बॉधती है कि पुठठे के ऊभर छिप जाते है यह प्राय:साडी को पुठठे पर ढीला बॉधने से होता है  इस लिये साडी को पुठठे से हमेशा कस कर इस प्रकार से बॉधना चाहिये ताकि पुठठों के ऊभार व उतार चढाव की झलक साडी पर स्‍पष्‍ट हो सके इससे जहॉ पुठठे भरे हुऐ एंव ऊभरे हुऐ नजर आयेगे वही आप की कमर की बनावट व समतल पेट व गहरी नाभी का आक्रष्‍ण आप के सौन्‍द्धर्य में चार चॉद लगा देखा ।
3-      साडी इस प्रकार होना चाहिये जो शरीर से चिपकी रहे अर्थात मुलायम व पारर्दशी साडी से ही युवा महिलाओं के स्‍त्रीय सुलभ कामनीय अंगों के उतार चढाव उसके आकार प्रकार की बनावट आदि को एक व्‍यवस्थित तरीके प्रर्दशित किया जा सकता है साडी बांधना भी एक कला है जिससे युवा महिलाओं के सौन्‍द्धर्य को कई गुना बढाया जा सकता है ।
4-     साडी को कमर में नाभी से जितना नीचे हो सके बॉधना चाहिये इसके बाद यह प्रयास करे की आप की पीठ का पिछला हिस्‍स अधिक से अधिक दिखता रहे साथ ही पेट का अधिकाश भाग व नाभी अवश्‍य दिखती रहे यह युवा महिलाओं के कामनीय अंग है । कमर में साडी को बॉधने के बाद उसका पल्‍लू इस प्रकार से ऊभरे स्‍तनों से होता हुआ इस प्रकार से पीछे ले जाये ताकि पेट कमर पीठ व नाभी का अधिकाश भाग दिखता रहे इस प्रकार साडी को बॉधने से आप की सुन्‍दरता तो बडेगी है आप के युवा अंगों के उतार चढाव उसके आकार प्रकार का सुखद अहसास आप को स्‍वयम होगा इससे आप का मनोबल भी बडेगा । आप के सौन्‍द्धर्य का सौन्‍द्धर्य आभास स्‍वयम आप को होगा । कुल्‍हे पर कस कर बॉधी गयी साडी के कसाब से पुष्‍ट कूल्‍हे की बनावट का आभास जहॉ देखने वालों को होगा वही इसका अहसास स्‍वयम आप को भी होगा । चलते समय आप के दोनों भरे हुऐ कूल्‍हे की हरकत स्‍पष्‍ट साडी में से समक्ष में आयेगी । कमर व पीठ का अधिकाश भाग खुला होने से वह र्दशनीय व सुन्‍दर दिखेगे । वही पल्‍लू से झॉकती गहरी झील सी नाभी का सौन्‍द्धर्य आप की सुन्‍दरता को कई गुना बडा देगा सभी की नजर आप की गहरी नाभी से नही हटेगी । आज कल नाभी र्दशना वस्‍त्रों के पहनाने का प्रचलन एक फैशन की तरह से ऊभरा है ।
5-       साडी एक ऐसा वस्‍त्र है जिसमें युवा महिलाये अपने आक्रषक अंगों की बनावट उसके उतार, चढाव, आकार, प्रकार के सौन्‍द्धर्य को मर्यादा में रहते हुऐ प्रर्दशित कर सकती है जबकि अन्‍य वस्‍त्रों के पहनने से यही बात अमर्यादित हो कर अशलील प्रर्दशन की श्रेणी में आ जाती है ।
6-     नाभी के प्रर्दशन से स्‍ंवयम पहनने वाली महिला को एक सुखानुभूति का अहसास होता है ।
7-     नाभी प्रर्दशन हेतु पहने जाने वाले वस्‍त्र हो या साडी, इसे पहनने के लिये यह आवश्‍यक है कि पहनी जाने वाली महिला की नाभी सुन्‍दर एंव गहरी होना चाहिये यदि नाभी डण्‍टल की तरह से बाहर को निकला हुआ हो या फिर किसी जख्‍म की तरह का या नाभी का आकार छोटा , हो तो नाभी र्दशना वस्‍त्रों के पहनने का कोई अर्थ नही होता । यदि नाभी कम गहरी सकरी या आकार में छोटी है तो इसे नेवल स्प्रिंग या नेवल कार्क से गहरा गोल आकृषक आकार दिया जा सकता है । कई महिलाये जिनकी नाभी कम गहरी या सकरी होती है वे अपनी नाभी को गहरा एंव आकार में कुछ गोल चौडा करने के लिये नेवल स्प्रिंग को अपनी नाभी के अन्‍दर डाल कर छोड देती है इससे गोल स्प्रिंग को जैसे ही नाभी के अन्‍दर डालकर छोडते है वह अपनी स्‍वाभाविकता के कारण नाभी के अन्‍दर जा कर फैल जाती है इससे नाभी पहले की अपेक्षा गोल गहरी आकृषक दिखने लगती है । प्राय: महिलाये किसी फैशन या कार्यक्रम में नाभी र्दशना वस्‍त्र पहनती है तो वह इस स्प्रिंग को नाभी के अन्‍दर डाल कर उसे फैला देती है । इससे नाभी गोल गहरी आकृषक दिखने लगती है साथ ही नाभी पर जो धारीयॉ होती है वह भी इस स्प्रिग के लगने से छिप जाती है । इस नेवेल स्प्रिंग की एक और खॉसियत है वह यह कि यह नाभी के अन्‍दर जाते ही जब इसे छोडा जाता है तो यह त्‍वचा व मॉस पेशियों में इस प्रकार से दब जाता है कि आसानी से दिखलाई नही देता । इसलिये जब कभी भी नाभी र्दशना वस्‍त्र पहने तो इसका प्रयोग अवश्‍य करना चाहिये ।  


पेट्रोरल ग्रुप


पेट्रोरल ग्रुप
क्र0
औषधि
शरीर के प्रमुख अवयव जिन पर दवा कार्य करती है
कार्य
प्रकृति
रोग
1
पेट्रोरल्‍स पी-1
वक्ष प्रभावी, टेटुआ, फेफडो के वायु सेल्स, श्वास सस्थान के समस्त प्रणालीयो पर बात संस्थान के समस्त अवयव पर तथा उसे शक्ति प्रदान करने वाली दबा है
वास संस्थान के समस्त अवायवो को शक्ति प्रदान करने वाली एक विशेष दबा है । फेफडो को शक्ति देने वाली दबा है ।
कफ प्रकृति














कफ से सम्बन्धित समस्त प्रकार के रोगो में,किसी भी रोग से फेफडो के मुक्त होने के बाद उसमें शक्ति देने के लिये एंव फेफडो को फैलाने के लिये इसका प्रयोग किया जाता है । बलगम को बाहर निकालन के लिये एस-2 सी-2 एव बर-1 के साथ इसके प्रयोग करने से सूखा बलगम पिधलकर तत्काल बाहर निकल जाता है । एंव  अपने प्रभावित अवयवों में प्रविश्ट कीटाणुओ को भी बाहर करके उन अवयवो को संतुलित करता है ,साधाण खांसी,काली खांसी ,कुकर खांसी, की प्रारम्भिक अवस्था, स्वर यत्रो की खराबी के कारण खांसी खांसी में रक्त, फेफडो में पानी भरना,स्वास में रूकावट
2
पेट्रोरल्‍स पी-2
यह एक वक्ष प्रभावी लसिका पोषक,तथा बलगम को ढीला करने वाली दबा लसिकावाही,कोषो एंव संयोजक तन्तुओ पर कार्य,वक्ष प्रधान, मसूढे का क्षय,आंतो का क्षय बृक्क या गूर्दे मुत्राश्य,अस्थि क्षय
 टी वी या या पैत्रिक  यक्षमा के लिये यह एक अद्वितिय प्रभावकारी दबा है । भयंकर क्षय के कुप्रभाव के काण फेफडों के नष्ट होने पर यह एक वक्ष प्रधान दबा है र्दुगन्‍धयुक्त खॉसी
कफ प्रकृति

डा0 मैटी के अनुसार सभी तरह के फेफडो या हिदय के कठिन से कठिन रोगो में ए-2 सी-1 की हल्की मात्रा के प्रयोग की सिफारीश की है ।
3
पेट्रोरल्‍स पी-3
वक्ष प्रभावी,फेफडो के रक्त केशिकाओ पर प्रभावी,हिदय को बल देने बाली ,बलगम को ढीला करने बाली,श्वास संस्था पर प्रभावी
दमा नाशक,क्षय नाशक, श्लैष्मिक स्त्राव अवरोधक,इसका प्रभाव प्रधान रूप से नासिका,फन्टल बोन के बायू प्रणालीयो पर, थ्रोट टांन्सिल फायरेक्स एव स्वर यत्रों पर है
कफ प्रकृति

वक्ष स्नायुओ के समूहों पर तीब्र व जीर्ण जुकाम आदी में इसकी उच्च शक्ति का प्रयोग किया जाता है, वृद्वावस्थ की खांसी और दमा आदि में इसकी उच्च शक्ति का प्रयोग हितकर

शनिवार, 12 अक्तूबर 2019

नाभी को गहरा सुन्‍दर बनाना (नेवेल कार्क से)


                नाभी को गहरा सुन्‍दर बनाना (नेवेल कार्क से)
                    महिलाओं में नाभी र्दशना वस्‍त्रों के पहनने के कारण गहरी नाभी का महत्‍व काफी बढ गया है । नाभी को आकार में कुछ चौडा एंव गहरा कराने हेतु नीशेप पार्लर में नेवेल कार्क एंव नेवेल स्प्रिंग की सहायता से गहरा बिना किसी आपरेशन के आसानी से किया जाता है । गहरी नाभी की बात ही कुछ और होती है , वही सकरी या फिर कम गहरी नाभी देखने में सुन्दर नही दिखती , नाभी को गहरा करने के लिये उपयोग में आने वाले कार्क को नेवेल कार्क कहते है । नेवेल कार्क एक साधरण सा कार्क है जिसे नाभी के अन्‍दर डाला जाता है ताकि नियमित रूप से कार्क के दबाब के कारण वहॉ के मसल्‍स अन्‍दर की ओर धस जाते है इससे नाभी एक गहरा आकार ले लेती है । नेवेल कार्क उपलब्‍ध न हो तो इसे घर पर आसानी से बनाया जा सकता है ।

नेवेल कार्क बनाने की विधि :- नेवेल कार्क बनाना बहुत ही आसान है , इसे केवल इस प्रकार से बनाना होता है जिसमें नाभी पर नियमित दबाब बना रहे ताकि कार्क के दबाब के कारण नाभी अन्‍दर को दब जाये जिससे नाभी के अन्‍दर के मसल्‍स दबकर एक निश्चित आकर ले लेते है । नेवेल कार्क को बनाने के लिय बजार से जिस साईज की नाभी को आकार व गहराई देना हो उस साईज के प्‍लास्टिक के मोती को खरीद ले
या फिर बच्‍चे जो कॉच की गोलीयॉ खेलते है इसे ले ले दोनो ही बजार में अलग अलग साईज के आसानी से उपलब्‍ध हो जाते है । इसके बाद इसे फिट करने के लिये आप एक रूपये साईज के सिक्‍के की साईज का या इससे थोडी बडे साईज एल्‍युमिनियम के गोल साईज का वृत के आकार की बस्‍तु को ले जिसके बीचों बीच एक छोटा सा छिद्र ताकि उसके उपर प्‍लास्टिक के मोती या कॉच की गोली को आसानी से इस प्रकार रखा जा सके ताकि वह इधर उधर गिरे नही । अब इसे आप क्‍युफिक्‍स या बजार में प्‍लास्टिक को चिपकाने वाले जो पदार्थ मिलते है उससे उसे उस जगह पर लगा कर चिपका दे बस आप का नेवेल कार्क तैयार हो गया । इस चित्र में देखिये आप को सारी जानकारीयॉ हो जायेगी ।
इस प्रकार से आप घर पर नेवेल कार्क को आसानी से बना सकते है । यहॉ पर जो चित्र दिया है उसमें एल्‍युमोनियम की एक गोल प्‍लेट है जिसके छिद्र पर प्‍लास्टिक के मोती को चिपका दिया गया है । आप चाहे तो इसकी जगह कॉच की गोली को भी चिपका सकते है कॉच की गोली की चिकनी होती है इससे त्‍वचा पर किसी प्रकार के निशान आदि बनने की संभावना कम होती है ।
नेवेल कार्क का उपयोग :-  नेवेल कार्क का उदेश्‍य केवल इतना होता है कि वह नाभी पर दबाब बना सके इस दबाब की बजह से नाभी का आकार एंव गहराई इसके नियमित कुछ दिनों तक प्रयोग करने से बढ जाती है । अब आप को इसे नाभी पर इस प्रकार से लगाना है ताकि प्‍लास्टिक या कॉच की गोली नाभी के अन्‍दर हो एंव एलुमोनियम प्‍लेट बाहर की तरफ अब इसे अंगुलिये से इतना दबाये ताकि कार्क याने प्‍लास्टिक या कॉच की गोली नाभी के अन्‍दर पूरी तरह से फिट हो जाये । यह गिरे नही इसके लिये आप धॉव पर लगाने बाली बैंडेज जो चिपकती है उसे इस प्रकार से लगाये ताकि वह नाभी के पास की त्‍वचा पर इस प्रकार से चिपक जाये ताकि यह कार्क गिरे नही । नियमित कुछ दिनों तक इसी प्रकार से अपनी सुविधानुसार इसे लगाते रहे । जब नाभी गहरी हो जाये एंव आकार में गोल चौडी हो जाये तो आप चाहे कि इसकी गहराई और आकार को और बडी करना है तो आप उस साईज के कार्क का उपयोग कर सकते है । आप अपने नीशेप पार्लर में इस प्रकार के कार्क को बना कर बेच भी सकते है यह बनाने में बहुत आसान है तथा इसका मूल्‍य आप को आप के मन के मुताबिक नाभी पर लगाने पर मिल सकता है । नेवेल कार्क का प्रयोग नियमिल लम्‍बे समय तक करने से नाभी का आकार स्‍थाई रूप से गहरा हो जाता है । अ
  आज कल युवा महिलाओं में नाभी र्दशना वस्‍त्रों के पहने के कारण गहरी नाभी का अधिक महत्‍व बढा है हर महिला चाहती है कि उसकी नाभी गहरी सुन्‍दर हो परन्‍तु सभी महिलाओं की नाभी गहरी सुन्‍दर नही होती । कई महिलाओं की नाभी ,सकरी ,कम गहरी , फिर उसमें नाभी धारीयॉ स्‍पष्‍ट रूप से दिखलाई देती है इससे नाभी का सौन्द्धर्य जाता रहता है गहरी नाभी ही सुन्‍दर नाभी होती है ।
आज कल फैशनपरास्‍ती परिवारों में छोटी बच्‍चीयों की नाभी की तरफ ध्‍यान दिया जाने लगा है इसलिये वे बच्‍चीयों की नाभी को गहरा सुन्‍दर बनाने के लिये पहले से ही नेवेल कार्क या नेवेल स्प्रिंग का उपयोग करने लगी है । नाभी को गहरा सुन्‍दर आकार देने का कार्य नी शेप पार्लर या नेवेल क्‍लीनिक में होता है ।
सावधानीया:- 1- नेवेल कार्क की साईज इतनी होना चाहिये ताकि नाभी पर लगाने में आसानी से नाभी के अन्‍दर चली जाये , कार्क इस प्रकार का ना हो जिससे त्‍वचा आदि छिले , कार्क को व नाभी को दो तीन दिन बाद निकालते रहना चा‍हिये एंव सफाई करते रहना चाहिये ।
 2- कार्क को चिपकाने वाले बैन्‍डेज मेडिकेटेड होना चाहिये तथा इसे खीच कर इस प्रकार से न लगाये जिससे त्‍वचा में अनावश्‍यक खिचाव हो यदि खीच कर चिपकाया जाता है तो इससे नाभी के आस पास की त्‍वचा पर झुरूरीयॉ पड सकती है जिससे वहॉ की त्‍वचा एकदम खराब दिखेगी । इसलिये हमेशा इस बात को ध्‍यान में रखते हुऐ इसे चिपकाये । चिपकने वाले बैंडेज को लगाने का केवल इतना उदेश्‍य होता है ताकि कार्क गिरे नही । कार्क को चिपकाने के बाद कार्क के उपर से आप जो भी वस्‍त्र पहनते है उसे कार्क की प्‍लेट के उपर रखे ताकि कार्क गिरे नही एंव कार्क पर नियमित दबाब बना रहे । आप चाहे तो उपर से रिबिन आदि भी बॉध सकते है इससे एक तो कार्क गिरेगा नही दूसरा कार्क पर नियमित दबाब बना रहेगा इस दबा की वजह से नाभी को गहरा होने में मदद मिलेगी ।



सोमवार, 24 जून 2019

नीशेप क्‍लीनिक सैक्‍सी नाभी (नाभी को सुन्‍दर गहरा बनाना)


                            सैक्‍सी नाभी
आज के इस फैशनपरास्‍ती युग में महिलाओं की नाभी का गहरा आकृषक होना बहुत आवश्‍यक है क्‍योकि आज के इस फैशन के दौर में प्राय: सभी महिलाये नाभी र्दशना वस्‍त्र अधिक पहनती है , ताकि उनकी नाभी का प्रर्दशन हो सके, वैसे भी नाभी महिलाओं का एक सैक्‍सी अंग ऐसा है जिसका प्रर्दशन आसानी से किया जा सकता है यह किसी अश्‍लीलता की परिधि में भी नही आता सम्‍पूर्ण मर्यादाओं में रहते हुऐ भी महिलाये अपने आकृषक शरीर के उतार चढाओं को एंव सैक्‍सी कुछ अंगों का प्रर्दशन पूर्ण मयार्दा की सीमा में रहते हुऐ भी कर सकती है , और यह आज की मांग भी है यदि आप स्‍टाईलेस नही है तो आप को सामान्‍य भाषा में बहनजी जैसे शब्‍दों के सम्‍बोधन से गुजरना पड सकता है । जैसे साडी पहनने की कला कुछ लोगो में नही होती इससे कुछ महिलाये प्राय: साडी को नाभी से ऊपर पहनती है इससे एक तो पेट जहॉ पर वे सांडी को बांधती है वहा पर पेट का कुछ भाग ऊभार लिये होने से पेट बडा दिखने लगता है फिर नाभी जैसी सैक्‍सी अंग का प्रर्दशन नही होता कमर का अधिकाशं भाग साडी पहनने के गलत तरीके से छिप जाता है वही कुल्‍हे के उतार चढाव का पूर्ण प्रर्दशन नही हो पाता । चलो यह तो साडी की बात हुई परन्‍तु हम यहॉ पर सैक्‍सी नाभी की बात कर रहे है । सैक्‍सी नाभी याने पूर्णरूप से गहरी गोल नाभी एंव पेट पर नाभी बल का बना है । आज के इस युग में सैक्‍सी नाभी का इतना अधिक महत्‍व है कि यह सामान्‍य व्‍यक्तियों से लेकर फिल्‍मी दुनिया एंव टी वी सीरियल सभी में इस देखा जा सकता है । अब प्रश्‍न यह है कि सैक्‍सी नाभी क्‍या है तो जैसा हमने पहले कहॉ है सैक्‍सी नाभी याने पूर्ण रूप से गहरी एंव गोल नाभी ही सैक्‍सी नाभी होती है कुछ महिलाओं की नाभी कम गहरी, सकरी,या किसी जख्‍म के निशान की तरह होती है इतना ही नही कुछ महिलाओं की नाभी तो डण्‍टल की तरह से बाहर को निकली हुई होती है , कुछ नाभीयॉ गहरी तो होती है परन्‍तु उनमें धारीयों की संख्‍या अधिक होने से नाभी की गहराई पूर्णरूप से नही दिखती एंव नाभी धारीयॉ दिखने से नाभी के अंदर की धारीयॉ मटमैले या काले रंग की दिखती है इससे नाभी का आकृषण जाता रहता है । कई महिलाओं की नाभी गहरी तो होती है परन्‍तु उसमें नाभी धारीयों की जगह नाभी पर कुछ मसल्‍स नुमा पटटीया या धारीयों की तरह से मासल्‍स ऊभरे होते है इससे नाभी की गहराई स्‍पष्‍ट नही दिखती व नाभी आकृषण जाता रहता है । इन सभी समस्‍याओं का उपचार नीशेप क्‍लीनिक में बिना किसी चीडफाड के नेवल स्प्रिग व नेवल कार्क से आसानी से किया जा सकता है । नेवल स्प्रिंग एक साधारण स्‍टीललैस स्‍टील की नाभी के आकार की गोल स्पिंग होती है इसे सकरी नाभी या ऐसी नाभी जिनमें धारीयॉ या अनावश्‍यक मसल्‍स की लाईने  स्‍पष्‍ट दिखलाई देती हो उन्‍हे छिपाने व स्‍थाई रूप से ठीक करने हेतु नेवल स्प्रिंग का उपयोग किया जाता है । नेवल स्प्रिंग को सकरी नाभी या जिस नाभी को गहरी गोल करना हो नाभी के अन्‍दर डाल कर छोड दिया जाता है इससे स्प्रिंग अपने स्‍वाभाव के अनुसार नाभी के अन्‍दर जाते ही फैल जाती है एंव नाभी के आकार को पहले की अपेक्षा कुछ बडा कर देती है नेवेल स्पिंग चूं‍कि स्‍टील का एक पतला तार होता है जो नाभी के अन्‍दर जाते ही नाभी के अन्‍दर की मसल्‍स को दबाता है इससे एक तो तार मसल्‍स में इस प्रकार से दब जाता है कि दिखलाई ही नही देता दुसरा नाभी को गोलाकार में फैला देता है इस नाभी स्पिंग को आसानी से नाभी पर लगाया जा सकता है एंव इसे आसानी से निकाला जा सकता है । इसका प्रयोग भी दो प्रकार से होता है एक स्‍थाई जिसमें स्‍थाई रूप से इसे नाभी के अंदर लगा रहने दिया जाता है दूसरा अस्‍थाई रूप से इसमें कभी कभी महिलाये जिनकी नाभी सकरी व छोटी है या नाभी पर नाभी धारीयॉ दिखती है उन्‍हे छिपाने के लिये जब किसी फंग्‍शन ,पार्टी आदि में जाना होता है तब लगाती है एंव घर पर आकर उसे निकाल लेती है । इसके लगाने से नाभी पूर्ण गोलाकर गहरी सुन्‍दर दिखने लगती है । दूसरी विधि है नेवल कार्क इसमें नाभी पर एक कार्क जो नाभी के आकार से थोडा सा बडा होता है उसे नियमित रूप से लगा कर नाभी के आकार को बढाया जाता है ।  नाभी को गहरा आकृषक सैक्‍सी बनाने की नेशेप क्‍लीनिक की सम्‍पूर्ण जानकारीयॉ व इसके नि:शुल्‍क प्रशिक्षण की जानकारीयॉ निम्‍न साईड पर उपलब्‍ध है । आप नेवल स्पिंग गुगल की साईड पर टाईप कर देख सकते है । http://neeshep.blogspot.com
xxjeent.blogspot.com http://beautyclinict.blogspot.in beautyclinic.blogspot.com  http://battely2.blogspot.com
इस ईमेल पर सम्‍पर्क कर इसके नि:शुल्‍क प्रशिक्षण की जानकारी प्राप्‍त की जा सकती है । ईमेल- battely2@gmail.com

                                    डॉ0 जीनत खान (नीशेप विशेषज्ञ)
                                       राझी जबलपुर मध्‍यप्रदेश
                                 http://neeshep.blogspot.com

  

बुधवार, 6 मार्च 2019

नाभी चिकित्‍सा ,आयुवेदिक एंव ची नी शॉग उपचार









चिकित्‍स चिकित्‍सा सम्‍बन्धित फोटो म












महिला सौन्‍द्धर्य में गहरी नाभी का महत्‍व




ची नी शॉग टैटू एंव पिर्यसिंग की फोटो