रविवार, 3 नवंबर 2019

नाभी र्दशना साडी बाधने की कला

   नाभी र्दशना साडी बाधने की कला 
फैशन क्‍या है , समय के साथ कुछ न कुछ परिवर्तन होता रहता है आज जब हम सभी उपगृह संस्‍कृति से जुड चुके है दुनिया भर के नये नये फैशन व संस्‍कृतियों की जानकारीयॉ हमे घर बैठे मिल जाती है । बदलते नये नये फैशन की जानकारीयों से हम भी अछूते नही है । भीड में अपने आप को दूसरे से अलग पहचान बनाने के नये नये फैशन इजाद होते रहे है । सुन्‍दरता दो प्रकार की होती है एक प्रदत्‍त तो दूसरा अर्जित ।
   1-प्रदत्‍त सौन्‍र्द्धय :-  प्रदत्‍त सौन्‍र्द्धय वह है जो हमे ईश्‍वर से प्राप्‍त होता है ।
   2-अर्जित सौन्‍र्द्धय :- अर्जित सौन्‍र्द्धय वह है जो हम अपने प्रयासों से प्राप्‍त करते है ।     दुनिया में सभी महिलाये या पुरूष सौन्‍र्द्धर्य नही होते । परन्‍तु कुछ लोग कम सुन्‍दर होते हुऐ भी अपनी सुन्‍दरता को इस प्रकार बना लेते है कि देखने वाले की नजर उसके सौन्‍द्धर्य से नही हटती । सुन्‍दरता या आकृषण भी दो प्रकार का होता है एक ऐसा आक्रषण जिसमें उसके शरीर की बनावट उसे आक्रषकता प्रदान करती है । तो दुसरा आकृषण खॉसकर युवाओं महिलाओं में उसके कामनीय अंगों के उतार चढाव होते है जो देखने वालों को अपनी ओर आक्रषित करते है । युवा महिलाओं में उन्‍नत उरोज (उभरे हुऐ स्‍तन) पुष्‍ट नितम्‍ब (भरे हुऐ कूल्‍हे) समतल मुलायम झील से पेट पर गहरी नाभी ,लम्‍बे घन केश अर्थात बाल सौन्‍द्धर्य की ये मान्‍यताये सदियों से रही है । वक्‍त के साथ सौन्द्धर्य मान्‍यताओं में कुछ न कुछ परिवर्तन होता रहा है ।
                      भारतीय साडी
भारतीय साडी –:- कहते है साडी में कुछ तो बात है जो युवा महिलाओं के शारीरिक उतार चढाओं को बडी ही सुन्‍दरता के साथ इस प्रकार से प्रर्दशित करती कि देखने वालों की नजरे फटी की फटी रह जाती है । परन्‍तु यही बिना सिला परिधान यदि बिना जानकारी के पहना जाये तो उसके सौन्‍द्धर्य को खराब कर देता है परन्‍तु थोडी सी जानकारी के साथ इसे पहना जाये तो यह कम से कम सुन्‍दर नारी को भी इतना आकृषक व कामनीय बना देता है कि देखने वालों की नजर उस पर से हटती ही नही है । इस बिना सिली हुई साडी को पहनने की कुछ जानकारीयॉ जो फैशन विशेषज्ञों ने दी है वह इस प्रकार है ।
1-     साडी को नाभी से नीचे पहना चाहिये इसके कई फायदे है जैसे यदि आप साडी को नाभी से उपर पहनते है तो साडी की प्‍लेट को पेट के अन्‍दर दबाते या खोसते है तो इससे आप के पेट का वह हिस्‍सा पहले से अधिक ऊभरा हुआ दिखता है । इसके साथ ही कमर व पेट का अधिकाश भाग छिप जाता है साथ युवा महिलाओं के आकृषक का वह कामनीय अंग जिसे हम नाभी कहते है छिप जाती है चूंकि नाभी युवा महिलाओं का एक सैक्‍सी भाग है जिसे देखकर आप के शरीर की अन्‍य अंगों की सुन्‍दरता और बढ जाती है । कमर के उतार चढाव, समतल पेट पर गहरी नाभी ये आक्रष्‍ण  व सौन्‍द्धर्य के केन्‍द्र है अत: साडी पहनते समय इस बात का विशेष ध्‍यान रखना चाहिये । साथ ही कोशिश यह करे की आप के पल्‍लू से आप की नाभी दिखती रहे ,साथ ही साडी को कमर पर पीछे पीठ की तरफ इस तरह से खोसे ताकि पीठ का अधिकाश भाग दिखता रहे । टी बी पर एक सीरियल नामकरण आता है उसकी एक्‍टर आदिति राठौर जिसका नाम सीरियल में अवनी है उसने इस सीरियल में साडी पीठ पर से इस प्रकार बॉधी है कि उसकी गोरी पीठ इतनी आकृषक दिखती है कि उस पर से नजर हटाने की र्दशक हिम्‍मत ही नही कर सकते । जहॉ पेट व गहरी नाभी आक्रष्‍ण का केन्‍द्र है वही समतल पतली कमर पर पीठ का हिस्‍सा भी कम आक्रषक नही होता इसे देख कर नजरे नही हटती ।
2-     साडी को पहनते समय इस बात का भी ख्‍याल रखे की आप के स्‍त्री सुलभ अंगों के उतार चढाव साडी बॉधने पर उसका अहसास कराये ना कि उस उतार चढावों को छिपा दे जैसे आप के नितम्‍ब प्रदेश अर्थात भरे हुऐ कूल्‍के के उतार चढावों को ऊभरे न कि उसे छिपाये कई महिलाये पुढढे पर से साडी को इस प्रकार बॉधती है कि पुठठे के ऊभर छिप जाते है यह प्राय:साडी को पुठठे पर ढीला बॉधने से होता है  इस लिये साडी को पुठठे से हमेशा कस कर इस प्रकार से बॉधना चाहिये ताकि पुठठों के ऊभार व उतार चढाव की झलक साडी पर स्‍पष्‍ट हो सके इससे जहॉ पुठठे भरे हुऐ एंव ऊभरे हुऐ नजर आयेगे वही आप की कमर की बनावट व समतल पेट व गहरी नाभी का आक्रष्‍ण आप के सौन्‍द्धर्य में चार चॉद लगा देखा ।
3-      साडी इस प्रकार होना चाहिये जो शरीर से चिपकी रहे अर्थात मुलायम व पारर्दशी साडी से ही युवा महिलाओं के स्‍त्रीय सुलभ कामनीय अंगों के उतार चढाव उसके आकार प्रकार की बनावट आदि को एक व्‍यवस्थित तरीके प्रर्दशित किया जा सकता है साडी बांधना भी एक कला है जिससे युवा महिलाओं के सौन्‍द्धर्य को कई गुना बढाया जा सकता है ।
4-     साडी को कमर में नाभी से जितना नीचे हो सके बॉधना चाहिये इसके बाद यह प्रयास करे की आप की पीठ का पिछला हिस्‍स अधिक से अधिक दिखता रहे साथ ही पेट का अधिकाश भाग व नाभी अवश्‍य दिखती रहे यह युवा महिलाओं के कामनीय अंग है । कमर में साडी को बॉधने के बाद उसका पल्‍लू इस प्रकार से ऊभरे स्‍तनों से होता हुआ इस प्रकार से पीछे ले जाये ताकि पेट कमर पीठ व नाभी का अधिकाश भाग दिखता रहे इस प्रकार साडी को बॉधने से आप की सुन्‍दरता तो बडेगी है आप के युवा अंगों के उतार चढाव उसके आकार प्रकार का सुखद अहसास आप को स्‍वयम होगा इससे आप का मनोबल भी बडेगा । आप के सौन्‍द्धर्य का सौन्‍द्धर्य आभास स्‍वयम आप को होगा । कुल्‍हे पर कस कर बॉधी गयी साडी के कसाब से पुष्‍ट कूल्‍हे की बनावट का आभास जहॉ देखने वालों को होगा वही इसका अहसास स्‍वयम आप को भी होगा । चलते समय आप के दोनों भरे हुऐ कूल्‍हे की हरकत स्‍पष्‍ट साडी में से समक्ष में आयेगी । कमर व पीठ का अधिकाश भाग खुला होने से वह र्दशनीय व सुन्‍दर दिखेगे । वही पल्‍लू से झॉकती गहरी झील सी नाभी का सौन्‍द्धर्य आप की सुन्‍दरता को कई गुना बडा देगा सभी की नजर आप की गहरी नाभी से नही हटेगी । आज कल नाभी र्दशना वस्‍त्रों के पहनाने का प्रचलन एक फैशन की तरह से ऊभरा है ।
5-       साडी एक ऐसा वस्‍त्र है जिसमें युवा महिलाये अपने आक्रषक अंगों की बनावट उसके उतार, चढाव, आकार, प्रकार के सौन्‍द्धर्य को मर्यादा में रहते हुऐ प्रर्दशित कर सकती है जबकि अन्‍य वस्‍त्रों के पहनने से यही बात अमर्यादित हो कर अशलील प्रर्दशन की श्रेणी में आ जाती है ।
6-     नाभी के प्रर्दशन से स्‍ंवयम पहनने वाली महिला को एक सुखानुभूति का अहसास होता है ।
7-     नाभी प्रर्दशन हेतु पहने जाने वाले वस्‍त्र हो या साडी, इसे पहनने के लिये यह आवश्‍यक है कि पहनी जाने वाली महिला की नाभी सुन्‍दर एंव गहरी होना चाहिये यदि नाभी डण्‍टल की तरह से बाहर को निकला हुआ हो या फिर किसी जख्‍म की तरह का या नाभी का आकार छोटा , हो तो नाभी र्दशना वस्‍त्रों के पहनने का कोई अर्थ नही होता । यदि नाभी कम गहरी सकरी या आकार में छोटी है तो इसे नेवल स्प्रिंग या नेवल कार्क से गहरा गोल आकृषक आकार दिया जा सकता है । कई महिलाये जिनकी नाभी कम गहरी या सकरी होती है वे अपनी नाभी को गहरा एंव आकार में कुछ गोल चौडा करने के लिये नेवल स्प्रिंग को अपनी नाभी के अन्‍दर डाल कर छोड देती है इससे गोल स्प्रिंग को जैसे ही नाभी के अन्‍दर डालकर छोडते है वह अपनी स्‍वाभाविकता के कारण नाभी के अन्‍दर जा कर फैल जाती है इससे नाभी पहले की अपेक्षा गोल गहरी आकृषक दिखने लगती है । प्राय: महिलाये किसी फैशन या कार्यक्रम में नाभी र्दशना वस्‍त्र पहनती है तो वह इस स्प्रिंग को नाभी के अन्‍दर डाल कर उसे फैला देती है । इससे नाभी गोल गहरी आकृषक दिखने लगती है साथ ही नाभी पर जो धारीयॉ होती है वह भी इस स्प्रिग के लगने से छिप जाती है । इस नेवेल स्प्रिंग की एक और खॉसियत है वह यह कि यह नाभी के अन्‍दर जाते ही जब इसे छोडा जाता है तो यह त्‍वचा व मॉस पेशियों में इस प्रकार से दब जाता है कि आसानी से दिखलाई नही देता । इसलिये जब कभी भी नाभी र्दशना वस्‍त्र पहने तो इसका प्रयोग अवश्‍य करना चाहिये ।  


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